Sthapatyam
Vol. 1
Issue. 10
दीनबन्धु पाण्डेय
भारतीय साहित्य में कालीदास का महत्वपूर्ण स्थान है। कालीदास की रचना मेघदूत, यक्ष द्वारा मेघों को दूत बनाकर हिमालय स्थित अपनी पत्नी को भेजा गया संदेश है।
Source: Author
कवि कालीदास भारत की भौगोलिक स्थित से पूर्णतः परिचित थे। पहाड़, नदियाँ वहाँ के मौसमी फल, फूल, वातावरण और झील, झरनों के साथ-2 उस प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का वर्णन भी मेघदूत में देखा जाता है। समय के साथ स्थानों के नाम में थोड़ा परिवर्तन होना लाजमी है पर जलवायु और पर्वत में परिवर्तन नहीं होता। यक्ष रामगिरि पर्वत से मेघो को दूत बनाकर भेजते हैं। रामगिरि से कैलाश के बीच चैबीस स्थान आते हैं जिनसे मेघ गुजरते हंै और उन स्थानों में आराम करते हुये अपने गन्तव्य को पहुँचते हंै। आज भी भारत के भौगोलिक क्षितीज पर उन स्थानों को देखा जा सकता है। कालीदास का भौगोलिक ज्ञान हमें आश्चर्य चकित करता है।
रामगिरि, अमरकुुटा, विदिशा, सिन्धू, अवन्ती, उज्जैनी, सरस्वती, गंगा, हिमालय, अल्का आदि आदि चैबीस स्थान हैं।
रेनु पाण्डेय
संपादक
स्थापत्यम्