वास्तु शास्त्र में निर्माण का निर्देश
Sthapatyam Volume. 1 Issue. 10 पी. वी. औसेफ वास्तु शास्त्र में हर तरह के निर्माण के लिये निर्देश दिये गये है। वास्तु मण्डल में 9x9=81 पद गृह निर्माण के लिये और 8x8=64 पद मन्दिर निर्माण के लिये प्रयोग होता है। वास्तु मण्डल के सिद्धान्त ग्राम और शहर निर्माण में भी उपयोगी है पर वास्तु शास्त्र में होटल…
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वैदिक साहित्य में अर्थ - एक चिन्तन 
Sthaptyam Vol. 1 Issue.10 डाॅ. नीलिमा पाठक हमारे मनीषियों ने व्यक्तित्व के चार पक्ष (पुरूषार्थ) धर्म, अर्थ काम और मोक्ष को परिभाषित किया है। अर्थ्यते प्राथयते  इति अर्थः अर्थात् जो चाहा जाय वह अर्थ है। अर्थ का विशेष अभिप्राय धन से किया गया है। धन किसे कहते है। दधन्तिः फलन्ति जो फले-फूले, धन्य-धान…
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भारतीय जीवन पद्धति में मन्दिर की वैज्ञानिकता 
Sthapatyam Vol.1 issue.10 डाॅ. जयश्री  डाॅ. पी. कृष्णा भारतीय समाज में मन्दिरों का स्थान महत्वपूर्ण है। मन्दिरों के निर्माण में निश्चित प्रक्रिया का होना आवश्यक है। जिन मन्दिरों का निर्माण उस प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है उनमें ऊर्जा भी अधिक होती है। गर्भगृह में देवता स्थापित किये जाते हैं। वहाँ…
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कालीदास के समय के भारत का भौगोलिक चित्रण
Sthapatyam Vol. 1 Issue. 10 दीनबन्धु पाण्डेय भारतीय साहित्य में कालीदास का महत्वपूर्ण स्थान है। कालीदास की रचना मेघदूत , यक्ष द्वारा मेघों को दूत बनाकर हिमालय स्थित अपनी पत्नी को भेजा गया संदेश है। Source: Author कवि कालीदास भारत की भौगोलिक स्थित से पूर्णतः परिचित थे। पहाड़, नदियाँ वहाँ के मौसमी फल,…
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फतेहपुर सीकरी के हाथी पोल स्थित गजलक्ष्मी 
Sthapatyam Vol. 5 Issue. 4 प्रो. डाॅ. आर. नाथ   अकबर की दृष्टि सभी धर्मों के प्रति समान आदर की थी। 1582 ई. में उसने दीन ए इलाही नामक धर्म की स्थापना की। उसने एक उपनिषद की भी रचना करवाई जिसे अलोपनीषद कहते हैं। 1584 ई. में एक कैलेण्डर तारीखे इलाही नाम से बनवाया जो नक्षत्र विज्ञान पर आधारित था। अकबर …
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फुलकारी कढ़ाई कला में समाज और संस्कृति का चित्रण
Sthapatyam Vol. 5 Issue. 4 प्रो. ईला गुप्ता  राजेन्द्र कौर हस्तकरघा, चित्रकारी, स्थापत्य और मूर्ति कला से समाज की संस्कृति और सभ्यता का ज्ञान होता है। भारतीय हस्तशिल्प कला को संग्रहालयों में सुरक्षित रखा गया है जिससे कि अपने पुरातन इतिहास से सभी अवगत होते रहेें।  प्रत्येक प्रान्त की अपनी कला विशेष …
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